UP New NCR: उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) बनाने का निर्णय लिया है. इस योजना के तहत लखनऊ और उसके आसपास के 5 जिलों को मिलाकर एक नया शहरी क्षेत्र विकसित किया जाएगा. यह कदम प्रदेश के विकास और आर्थिक प्रगति को नई दिशा देने के लिए उठाया गया है. आइए जानते हैं इस महत्वाकांक्षी परियोजना के बारे में विस्तार से.
एससीआर में शामिल होंगे 6 जिले
उत्तर प्रदेश सरकार ने एससीआर में कुल 6 जिलों को शामिल करने का फैसला किया है. इनमें लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली और बाराबंकी शामिल हैं. इन सभी जिलों का कुल क्षेत्रफल लगभग 27,826 वर्ग किलोमीटर है. इस विशाल क्षेत्र को एक साथ विकसित करने की योजना है, जिससे यह पूरा इलाका एक आधुनिक और समृद्ध शहरी क्षेत्र बन सके.
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एससीआर का उद्देश्य और महत्व
एससीआर का मुख्य उद्देश्य इस क्षेत्र का समग्र और नियोजित विकास करना है. इससे न केवल लखनऊ शहर पर जनसंख्या का दबाव कम होगा, बल्कि आसपास के जिलों में भी रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. यह परियोजना निवेश को आकर्षित करने और क्षेत्र के आर्थिक विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
एससीआर विकास प्राधिकरण का गठन
इस महत्वाकांक्षी परियोजना को अमली जामा पहनाने के लिए सरकार ने एक विशेष प्राधिकरण का गठन किया है. इस प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे. इसमें राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को भी शामिल किया गया है, जो इस परियोजना के सुचारू क्रियान्वयन को सुनिश्चित करेंगे.
एससीआर में होने वाले विकास कार्य
एससीआर के तहत कई महत्वपूर्ण विकास कार्य किए जाएंगे. इनमें आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण, बेहतर परिवहन व्यवस्था, स्मार्ट सिटी परियोजनाएं, और पर्यावरण संरक्षण शामिल हैं. इससे न केवल शहरी सुविधाओं में सुधार होगा, बल्कि लोगों के जीवन स्तर में भी वृद्धि होगी.
एससीआर से होने वाले लाभ
एससीआर के गठन से कई तरह के लाभ होने की उम्मीद है. इससे क्षेत्र में नए उद्योग स्थापित होंगे, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. बेहतर बुनियादी ढांचे से लोगों को आवागमन में सुविधा होगी. साथ ही, यह परियोजना पर्यटन को बढ़ावा देने में भी मददगार साबित होगी.